नास्ति विद्या समं चक्षु नास्ति सत्य समं तप:।


 नास्ति विद्या समं चक्षु नास्ति सत्य समं तप:।
नास्ति राग समं दुखं नास्ति त्याग समं सुखं॥

શ્લોક નો અર્થ : વિદ્યા જેવી આંખ નહીં, સત્ય જેવી તપસ્યા નહીં, આસક્તિ સમાન દુઃખ નહિ, ત્યાગ સમાન સુખ નહીં 
भावार्थ : विद्या के समान आँख नहीं है, सत्य के समान तपस्या नहीं है, आसक्ति के समान दुःख नहीं है और त्याग के समान सुख नहीं है ।
[posts--tag:Shloka--25]

You may like these posts: