सुखार्थिनः कुतोविद्या नास्ति विद्यार्थिनः सुखम् ।
सुखार्थी वा त्यजेद् विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम् ॥
सुखार्थी वा त्यजेद् विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम् ॥
જેને ફક્ત સુખની અભિલાષા હોય તેને વિદ્યા ક્યાંથી? અને જે વિદ્યાર્થી હોય તેને સુખ ક્યાંથી? સુખ ની ઈચ્છા ધરાવનારે વિદ્યા ની આશા છોડી દેવી જોઈએ અને વિદ્યાર્થી એ સુખ ની!
जिसे सुख की अभिलाषा हो (कष्ट उठाना न हो) उसे विद्या कहाँ से ? और विद्यार्थी को सुख कहाँ से ? सुख की ईच्छा रखनेवाले को विद्या की आशा छोडनी चाहिए, और विद्यार्थी को सुख की ।
जिसे सुख की अभिलाषा हो (कष्ट उठाना न हो) उसे विद्या कहाँ से ? और विद्यार्थी को सुख कहाँ से ? सुख की ईच्छा रखनेवाले को विद्या की आशा छोडनी चाहिए, और विद्यार्थी को सुख की ।
[posts--tag:Anushtup Chhand Shloka--25]